दशहरे के दिन 30 सितम्बर से कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह धार्मिक यात्रा का आगाज़ करने वाले हैं. वे अपनी नर्मदा यात्रा के दौरान करीब 3500 किलोमीटर पैदल चलेंगे और इस दूरी को वो 6 महीने में पूरा करेंगे. इस यात्रा को वो अपने गुरु स्वामी स्वरूपानंद के नरसिंहपुर स्थित जोतेश्वर आश्रम से शुरू करने वाले हैं.
यात्रा के दौरान 6 महीने रहेंगे सियासत से दूर
दिग्विजय अपनी इस यात्रा के दौरान 6 महीने सियासत से दूर रहेंगे. ख़ास बात तो यह कि उनकी यात्रा के दौरान कांग्रेस का झंडा नहीं होगा और ना ही किसी नेता को न्योता भेजा जाएगा. हां, अगर कोई कार्यकर्ता यात्रा में साथ चलना चाहे तो चल सकता है. लेकिन उसको भी गैर सियासी अनुशासन का पालन करना होगा. इस यात्रा के चलते ही दिग्विजय ने बतौर कांग्रेस प्रभारी महासचिव गोआ, तेलंगाना और कर्नाटक का प्रभार छोड़ने का आलाकमान से अनुरोध किया था, जिसको मान लिया गया. गौरतलब है कि अब दिग्गी कांग्रेस महासचिव तो हैं, पर सिर्फ आंध्र प्रदेश का प्रभार उनके पास है, जहां राज्य के बंटवारे के बाद फिलहाल कांग्रेस कहीं नजर नहीं आती.
मां नर्मदा की परिक्रमा के दौरान साथ होंगी सिर्फ पत्नी
दिलचस्प बात यह है कि, इस व्यक्तिगत धार्मिक यात्रा के दौरान दिग्विजय का आधिकारिक तौर पर साथ उनकी पत्नी अमृता सिंह देंगीं. इस यात्रा में दिग्विजय और उनकी पत्नी मांगकर मिला ही खाना पकाकर खाएंगे. तय है कि, यात्रा के दौरान ना तो वो किसी के घर जाकर भोजन करेंगे और ना ही किसी के घर से बनकर आया भोजन ग्रहण करेंगे. ये सब इसलिए है कि, दिग्विजय इस यात्रा को पूरी तरह आध्यत्मिक रखना चाहते हैं.
छवि के उलट खासा पूजा पाठ करते रहे हैं दिग्गी राजा
अपने बयानों के चलते दिग्विजय बीजेपी के हमेशा निशाने पर रहते हैं, उनको मौलाना दिग्विजय का तमगा भी विरोधी देते रहे हैं. लेकिन असल जिंदगी में दिग्विजय खासा पूजा पाठ करते है. दिग्विजय हर साल 24 किलोमीटर की गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा भी नंगे पैर करते आये हैं. साथ ही नवदुर्गों में देवी पूजा और सिद्ध पीठ जाकर पूजा करना उनकी परम्परा में है. हर साल महाराष्ट्र के पंढरपुर जाकर पूजा पाठ की तस्वीरें आती रहीं हैं. इसलिए दिग्विजय इस नई यात्रा को नई चीज नहीं मानते. बस इतना कहते हैं कि, मेरे मन में बहुत दिनों से आता था कि, मैं मां नर्मदा की परिक्रमा करूं तो मैंने तय कर लिया. मां नर्मदा के आशीर्वाद से पूरी भी करूंगा.
रोज़ चलेंगे 20 किलोमीटर, सेहत को लेकर सजग 70 के दिग्गी
उम्र के 70 पड़ाव पार कर चुके दिग्गी राजा के लिए नर्मदा की डगर आसान नहीं रहने वाली, ये वो जानते हैं। 3500 किलोमीटर की इस पैदल यात्रा को उनको 180 दिन में पत्नी के साथ पूरा करना है यानी रोजाना सुबह शाम 10-10 किलोमीटर पैदल यात्रा. इस लिहाज से दिग्विजय ने पत्नी के साथ तैयारी भी शुरू कर दी है. वैसे तो सुबह जल्दी उठकर योग करना और फिर देसी व्यायाम करना दिग्गी राजा की दिनचर्या का हिस्सा सालों से रहा है. लोगों से अपनी कोठी के लॉन में तेज चलते चलते मिलना और बात करना भी स्वास्थ्य के प्रति दिग्गी की सजगता को दिखाता है.
स्वास्थ्य के लिहाज से दिग्गी पीने और नहाने के लिए हमेशा गुनगुना पानी ही इस्तेमाल करते हैं, ठंडे पानी का इस्तेमाल करते ही नहीं. इस बात को मानते हुए दिग्गी चुटीले अंदाज़ में कहते हैं कि, नेता और गवैया को गला ठीक रखना पड़ता है, इसलिए हमेशा गुनगुना पानी इस्तेमाल करता हूं.
यात्रा के चलते पत्नी संग रोज़ लोदी गार्डन में शुरू की 15-20 किलोमीटर की वॉकिंग
70 के दिग्गी नर्मदा यात्रा की कठिनता समझते हैं. इसलिए अपनी पुरानी दिनचर्या में उन्होंने रोज़ 15-20 किलोमीटर एक बार में पैदल चलना भी जोड़ दिया है. यात्रा 30 सितम्बर से शुरू होनी है, लेकिन उस परीक्षा में पास होने के लिए दिग्विजय ने एक महीने पहले से ही अपने लोदी रोड के घर के पास लोदी गार्डन में रोज़ शाम 15-20 किलोमीटर पैदल चलना शुरू कर दिया है.
दिग्गी ने कहा- यात्रा धार्मिक-आध्यात्मिक, विरोधी बोले- सिर्फ राजनैतिक
वैसे ये तो हुई दिग्गी राजा की नर्मदा यात्रा की वो कहानी, जो दिग्गी राजा बता रहे हैं. लेकिन अगर आलोचकों और नेताओं की बात करें तो उनका साफ कहना है कि, दिग्विजय की ये यात्रा करीब 140 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी, जिसमें करीब 114 विधानसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश के और 26 विधानसभा क्षेत्र गुजरात के आएंगे. ऐसे में ज़िंदगी भर खालिस राजनीति के खिलाड़ी रहे भले ही कहते रहें कि, उनकी यात्रा राजनैतिक नहीं, लेकिन साल 2017 के आखिर में गुजरात के चुनाव और फिर 2018 में मध्य प्रदेश के चुनाव के वक़्त तय की गई यात्रा की टाइमिंग बताती है कि, हो ना हो मक़सद तो सियासी ही है.