बुरहानपुर के पावरलूम की मशीनों में एकता के सूत्र बीनते

Rameshwar Neekhra Book Release
August 8, 2022
छठ मेरे बचपन की यादों का पर्व, जो माँ के तप के साथ साथ अपनी मुफ़लिसी की याद दिलाता है।
December 23, 2022

बुरहानपुर के पावरलूम की मशीनों में एकता के सूत्र बीनते

यह सृजन का शोर है। जिसमें एक धागा, अनेक मामूली धागों के साथ मिलकर सृष्टि को सम्मानजनक जीवन देने की लड़ाई लड़ रहा है।
यह बुरहानपुर के पावरलूम की मशीनों में एकता के सूत्र बीनते, जीवन को राग में ढालते एक धागे का संकल्प है। हमारे आपके लिए वस्त्र बनाते धागे की कहानी ने मुझे सपने की ओर मोड़ दिया है। नए वस्त्र जीवन को कैसे सुंदरता का आयाम देते हैं, और हम जीने की चाह से भर उठते हैं। कुछ ऐसा ही महसूस हुआ जब भारत जोड़ो यात्रा से समय निकालकर इन मिलों की तरफ़ मुड़ी। जुड़ते जाने के सुर-ताल ने मुझे कुछ देर के लिए एक सुखद संगीत से बांध लिया।
लौटकर भारत जोड़ो यात्रा में क़दमताल शुरू हुआ तो महसूस किया कि उसी धागे की डोर से हम सब जुड़े चलते जा रहे हैं। अनेकता के धागों में गुँथे हम इंसान जब धरती पर एक साथ कदम बढ़ाते हैं तो लगता है जैसे हम भी जीवन संवारने का एक विशाल वस्त्र बुनते चल रहे हैं।
बुरहानपुर के पावरलूम के आर्थिक हालात पर बात फिर कभी..

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